कितने दूर निकल,

कितने दूर निकल,

कितने दूर निकल,
गए रिश्तों को निभाते,
निभाते खुद को खो,
दिया हमने अपनों को,
पाते पाते |
good morning

 रिश्तों की चमक

रिश्तों की चमक

कुछ रिश्तों की चमक नहीं जाती, 
कुछ यादों की कसक नहीं जाती, 
कुछ दोस्तों से होता है ऐसा रिश्ता, 
के दूर रह कर भी उनकी
महक नहीं जाती ।